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इंडियन हैडलाइन न्यूज़/ भोपाल प्रतिनिधि
क्या आने वाले दिनों में देश के राजनीतिक परिदृश्य में यादव-कलचुरी का एक नया जातीय गठजोड़ उभरने वाला है? कलचुरी समाज की पहली राष्ट्रीय संस्था ‘अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा’के 89वें स्थापना समारोह में संचालक महोदय ने मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पौराणिक हवालो से‘चचेरे भैया’के संबोधन के साथ मंच पर आमंत्रित किया, तो मुख्यमंत्री ने भी सभी हैहयवंशियों को यदुवंशी बताते हुए राजनीति में एक नया जातीय समीकरण गढ़ने की पहल की।
यही नहीं, मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भगवान सहस्त्रबाहु के पराक्रम और गौरवशाली इतिहास को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने का ऐलान कर कलचुरी समाज को खुश करने का प्रयास भी किया। उनकी इस घोषणा से एलएनसीटी का सभागार तालियों की गड़गड़ाहट और सहस्त्रबाहु अर्जुन के जयकारों से गूंज उठा।
आपको बता दें कि हरिवंश पुराण में हैहय को चंद्रवंशी राजा यदु का प्रपौत्र और सहस्रजित का पुत्र बताया गया है। राजा यदु से यदुवंश चला, और हैहय से हैहयवंश। इस तरह यदुवंश और हैहयवंश, दोनों ही दरअसल चंद्रवंश की वृक्षवेल से निकले माने जाते हैं। और, इसी आख्यान को हैहयवंशियों (कलचुरी) और यदुवंशियों (यादव) के नए गठजोड़ का आधार बनाया जा रहा है। ये पहल कहां तक आगे बढ़ेंगी, समाज और राजनीति में कितना असर दिखाएगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
फिलहाल, कोलार रोड स्थित एलएनसीटी परिसर के सभागार में रविवार 4 अगस्त को स्थापना दिवस समारोह एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन में डा. मोहन यादव के अलावा मध्य प्रदेश के सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व प्रोटेम स्पीकर एवं विधायक दिनेश राय, स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर और भोपाल की महापौर मालती राय के उदबोधनों के दौरान सभागार का माहौल कई बार भाजपा के रंग में रंगा नजर आया। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने भी माइक से भगवान सहस्त्रबाहु के जयकारे लगाए। डा. यादव ने कहा कि भारत के पराक्रमी शासक और महापुरुष विनम्रता और राष्ट्रप्रेम के गुणों के लिए याद किए जाते हैं। इनके जीवन और कार्यों की जानकारी आज की पीढ़ी को मिलना ही चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का उद्देश्य नौकरी नहीं, अपितु नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाना है। उन्होंने कहा कि जब हम लोगों के अंतर्मन में हिंदू होने का गौरव-भाव जागृत होगा तो देश की कई समस्याओं का समाधान सरल हो जाएगा।
समारोह में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जाने-माने शिक्षाविद श्री जयनारायण चौकसे ने भोपाल में कोलार रोड पर जेएन अस्पताल परिसर के पास सहस्त्रबाहु ब्रिज के निकट राजराजेश्वर भगवान श्री सहस्त्रबाहु अर्जुन की 51 फीट की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने डा. यादव को महेश्वर को कलचुरी धाम घोषित करने और भगवान सहस्त्रबाहु की जयंती पर स्थायी अवकाश घोषित करने का मांग पत्र भी सौंपा।
श्री जयनारायण चौकसे ने समाजबंधुओं से अपील की कि वे अपने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखें। एक रोटी कम खानी पड़े तो खा लें, लेकिन बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी न आने दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह हथियार है जिससे समाज की दिशा और दशा बदल सकती है। उन्होंने कहा कि समाज के चतुर्दिक विकास के लिए एकजुटता बहुत जरूरी है, और यह काम स्थानीय स्तर से शुरू होकर राष्ट्रीय स्तर तक जाना चाहिए। इसीलिए महासभा की जिला और प्रदेश इकाइयों का गठन किया जा रहा है।
इससे पूर्व भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयनारायण चौकसे, श्रीमती पूनम चौकसे, डा. अनुपम चौकसे, डा. श्वेता चौकसे, एडवोकेट एमएल राय, वीरेंद्र पप्पू राय ने विशाल पुष्पाहार से मुख्यमंत्री डा. यादव का स्वागत किया। समारोह में मुख्यमंत्री ने स्मारिका‘सहस्त्रदीप’ और पुस्तिका‘कलचुरी समाज’का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान सम्मेलन से पूर्व अखिल भारतवर्षीय हैहय कलचुरी महासभा की नवगठित राष्ट्रीय, प्रदेश व जिला कार्यकारिणी की घोषणा कर शपथ भी दिलाई गई। दूसरे सत्र में परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें सौ से अधिक युवक-युवतियों ने अपने वैवाहिक परिचय मंच पर आकर दिए। सम्मेलन के माध्यम से कई रिश्तों की बात भी शुरू हो गई। परिचय
स्थापना दिवस समारोह का संचालन वयोवृद्ध समाजसेवी शंकरलाल राय एवं पत्रकार प्रकाश मालवीय ने किया। महासभा के महामंत्री एमएल राय के संयोजन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय कलचुरी एकता महासंघ की राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती अर्चना राय, कार्यकारी अध्यक्ष शिवचरण हाडा, युवा समाजसेवी पंकज चौकसे (गोटेगांव), अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक जायसवाल, अखिल भारतीय जायसवाल समवर्गीय महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष वीरेंद्र राय समेत कई प्रतिष्ठित प्रबुद्ध समाजबंधुओं ने कलचुरी समाज के चतुर्दिक उत्थान और एकीकरण पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में महामंडलेश्वर संतोषानंद महाराज (हरिद्वार), स्वामी हरिहरदासजी महाराज (वृंदावन), योगाचार्य एवं संत स्वामी ओमप्रकाश और दीक्षित संत स्वामी पूर्णानंद सरस्वती (इंदौर) ने समाज को धार्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया।
समारोह में कोलारस (शिवपुरी) के चेयरमैन रविंद्र शिवहरे, कलचुरी विद्वान एवं पुरातत्वविद कौंतेय जायसवाल, जाने-माने साहित्यकार एवं समाजसेवी पवन नयन जायसवाल (अमरावती), कलचुरी एकता महासंघ के किशोर राय (नरसिंहपुर), एडवोकेट टीएन जायसवाल, कमलेंद्र जायसवाल, (प्रयागराज), शिवहरे समाज झांसी के अध्यक्ष विष्णु शिवहरे, संरक्षक निहालचंद्र शिवहरे, अतुल गुप्ता, नीरज राय (सभी झांसी), सत्यनारायण मेवाड़ा (केकड़ी), कृष्णकांत जायसवाल (मुंबई), कलचुरी महासंघ ग्वालियर की महिला अध्यक्ष अर्चना जायसवाल, नरेश शिवहरे, संजय जायसवाल (सभी ग्वालियर), सुशील शिवहरे (छतरपुर) शिवहरेवानी समाचार पत्र के संस्थापक, कलचुरी सेना महाराष्ट्र के संस्थापक अध्यक्ष तुषार कमल पशिने तुमसर, समेत मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, तेलंगना, केरल, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, दिल्ली, हरियाणा समेत कई प्रदेशों से सैकड़ों समाजबंधु उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में भोपाल में कलचुरी समाज के कई संगठनों के सैकड़ों समाजबंधुओं ने समर्पण भाव से अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और गत चार दिन से लगातार हो रही बारिश को भी बाधा नहीं बनने दिया। बाहर से आए करीब 200 अतिथियों के ठहराने की व्यवस्था एलएनसीटी परिसर में ही की गई थी। इससे पूर्व 3 अगस्त को सभागार में अतिथियों के स्वागत सत्कार का कार्यक्रम हुआ जिसमें प्रबुद्ध समाजबंधुओं ने सामाजिक एकीकरण पर अपने विचार साझा किए।