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इंडियन हैडलाइन न्युज/ तुमसर प्रतिनिधी
अपने देश में औसतन उम्र 65 वर्ष के आसपास है. एक उम्र बीत जाती है इतने समय में. भंडारा शहर के 262 पीड़ित परिवार ऐसे हैं जिन्हें पिछले 65 वर्षों से उनका मौलिक अधिकार- उनकी मिल्कियत का प्रमाणपत्र अभी तक नहीं मिला. पिछले 20 वर्षों से इनके प्रतिनिधि सरकार के दर के चक्कर काट रहे हैं, 25 से अधिक पत्र दे चुके हैं लेकिन कोई न्याय नहीं. कारण है, पिछले 65 वर्षों से भंडारा शहर का सिटी सर्वे नहीं हो पाया है.
आजादी के बाद शहर का पहला सिटी सर्वे 16 फरवरी 1959 को किया गया. पिछला सिटी सर्वे हुए 65 साल हो गए हैं. सिटी सर्वे में शहर के निवासियों की मिल्कियत जमीन की मोजमाप कर सर्वे किया जाता है और शहर के आबादी क्षेत्र की हद निश्चित की जाती है. एक अवसर आया जब भंडारा शहर का विकास प्रारूप वर्ष 1992 में मंजूर किया गया. लेकिन विकास प्रारूप भी धरा का धरा रह गया. भंडारा ‘ब’ वर्ग नगर परिषद है. वर्ष 2011 की जनगणना के हिसाब से शहर की जनसंख्या 91,845 है और शहर में 25 हजार से अधिक मिल्कियतें हैं.
न्यू टाकली के 262 परिवार हैं वंचित
भंडारा शहर सीमा में भंडारा नझुल, भंडारा खास, मौजा पिंगलाई, मौजा गणेशपुर, और मौजा केसलवाड़ा के कुछ भाग का समावेश है. सिर्फ भंडारा खास, भंडारा नझुल और मौजा गणेशपुर का सिटी सर्वे हुआ है, बाकी का नहीं हुआ इसलिए लोगों को मिल्कियत प्रमाणपत्र (आखीव पत्रिका) मिल नहीं पाए. शहर में प्रभाग क्रमांक 1 अंतर्गत नवीन टाकली क्षेत्र है. वर्ष 1961 में जुनी टाकली के बाढ़पीड़ित परिवारों को नवीन टाकली में बसाया गया. जगह का भूमि स्वामित्व (वर्ग 1) देकर सरकार ने 262 परिवारों को इनकी पुरानी ज़मीनों के बदले जमीन दी. उस समय एलआयसी ने घर बनाने के लिए अनुदान भी दिया. लेकिन अभी तक इन्हें इनके मूलभूत हकों से वंचित रखा गया.
25 पत्रव्यवहार, 700 चक्कर लगाए
न्यू टाकली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता प्रितमकुमार राजाभोज ने सर्वप्रथम इस मुद्दे को उठाते हुए जनवरी 2015 में प्रॉपर्टी कार्ड प्राप्ति के लिए जिला प्रशासन से मांग की. उसके बाद पिछले 10 सालों में वे 15 पत्र व्यवहार कर चुके हैं. उन्होंने तहसीलदार, भूमि अभिलेख अधिकारी, नगर परिषद मुख्याधिकारी, कलेक्टर, विभागीय आयुक्त नागपूर, मुख्य आयुक्त, लोकसेवा हक आयुक्त मुंबई, जमाबंदी आयुक्त पुणे, लोकसेवा हक्क आयुक्त नागपूर , भंडारा जिला पालक सचिव आभा शुक्ला, आपले सरकार ऑनलाइन पोर्टल, मुख्यमंत्री कक्ष ऐसे कुल मिलकर 25 से अधिक बार वे पत्र व्यवहार कर इन कार्यालयों के 700 से अधिक चक्कर काट चुके हैं.
ड्रोन सर्वे के लिए चाहिए मात्र 3.44 करोड़ रुपये
लोकसेवा हक्क आयोग ने 7 जून 2023 को आदेश पारित कर न सिर्फ भंडारा बल्कि पूरे महाराष्ट्र राज्य के ग्रामपंचायत, नगर परिषद और महानगरों में ड्रोन सर्वे तत्काल करने के आदेश दिए. इसके बाद भंडारा कलेक्टर योगेश कुंभेजकर ने प्रक्रिया आगे बढ़ाते हुए जमाबंदी आयुक्त और राज्य भूमि अभिलेख संचालक पुणे सचिन्द्र प्रताप सिंह को प्रस्ताव भेजा. संचालक सचिन्द्र प्रताप सिंह ने 18 जून 2024 को कलेक्टर के प्रस्ताव को मान्यता देते हुए ड्रोन सर्वे करने की इजाज़त दी. हालांकि भूमि अभिलेख ने बताया की भंडारा शहर का ड्रोन से सिटी सर्वे करने के लिए 3 करोड़ 44 लाख 91 हजार 894 रुपये खर्च आएगा. इसके तहत 28300 प्रॉपर्टी का सर्वे होगा. भूमि अभिलेख विभाग ने काम शुरू करने के लिए 1 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि की मांग की है. नगर परिषद ने 12 अगस्त को और कलेक्टर ने 26 अगस्त 2024 को नगर विकास मंत्रालय से विशेष वैशिष्ट्य पूर्ण योजना तहत 2 करोड़ की राशि मांगी है. जहां एक ओर विधानसभा क्षेत्र में 2 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए हैं वहां नगर परिषद मात्र 3.44 करोड़ रुपये जुड़ा नहीं पाई यह गंभीर विषय है.
राज्यपाल से न्याय की उम्मीद
प्रितमकुमार राजाभोज ने बताया की सोमवार को महामहिम राज्यपाल जिले में आ रहे हैं. वे समाज के विभिन्न घटकों से चर्चा कर उन्हें न्याय दिलाएंगे. उन्होंने 16 दिसंबर 2022 को तत्कालीन राज्यपाल महोदय भगतसिंघ कोष्यारी को मिलकर भंडारा के नागरिक अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित होने की जानकारी दी थी. राज्यपाल महोदय से प्रितमकुमार राजाभोज ने विनती की है की वे इन 262 परिवारों को न्याय दिलाएं. हालांकि विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने राज्य के मुख्य सचिव से वार्ता कर निधि उपलब्ध कराकर मामला जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया है. नए कलेक्टर डॉ. संजय कोलते ने बताया की इस विषय में वे लगातार फॉलो अप ले रहे हैं. राजाभोज ने यह भी कहा की हर समस्या का एक यूनीक कम्प्लैन्ट नंबर होना चाहिए. और एक काम के लिए व्यक्ति कितने बार चक्कर लगा रहा है इसकी नोद होनी चहिए साथ ही अधिकारियों पर जवाबदेही तय हो. प्रितमकुमार राजाभोज इनके प्रयासोंकी नोद कर सराहना करते हुए महाराष्ट्र राज्य लोकसेवा हक आयोग ने भंडारा के साथ साथ पूरे महाराष्ट्र का सर्वे करानेका आदेश दिया है हैं जो एक उदाहरण है