



इंडियन हैडलाइन न्यूज़ नेटवर्क
भारतीय क्रिकेट टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया है। दुबई में रविवार को न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर भारत ने तीसरी बार यह खिताब अपने नाम किया। कप्तान रोहित शर्मा ने ट्रॉफी हवा में लहराई। लेकिन इस जीत से ज्यादा चर्चा में रही टीम इंडिया की सफेद ब्लेजर। वैसे तो आईसीसी टूर्नामेंट जीतने पर खिलाड़ियों को मेडल मिलते हैं। लेकिन यहां पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान हर खिलाड़ी को मेडल के साथ ही ब्लेजर दी गई।
🏐🏏इस ब्लेजर की छाती पर टूर्नामेंट का लोगो बना हुआ है।
चैंपियंस ट्रॉफी को जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों को यह ब्लेजर मोमेंटो के रूप में मिलती है। गोल्फ में इसी तरह ऑगस्ता गोल्फ मास्टर्स जीतने पर ग्रीन ब्लेजर दिया जाता है। आईसीसी ने इस ब्लेजर को ‘महानता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक’ बताया है। पाकिस्तान के दिग्गज वसीम अकरम की वीडियो के साथ आईसीसी ने इस ब्लेजर को लॉन्च किया था।
🏐🏏इस वीडियो में ब्लेजर बनने की प्रक्रिया दिखाई गई थी।
चैंपियंस ट्रॉफी 1998 में शुरू हुई थी। तब विजेता टीम को सफेल ब्लेजर नहीं दिए जाते थे। इसकी शुरुआत 2009 में साउथ अफ्रीका में हुए चैंपियंस ट्रॉफी के साथ शुरू हुई। रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराकर पहली बार यह ब्लेजर पहनी थी। इसके बाद के दो टूर्नामेंट इंग्लैंड और वेल्स में हुए। 2013 में एजबेस्टन में भारत ने इंग्लैंड को हराकर यह ब्लेजर हासिल की थी।
🏐🏏2017 में पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से करारी शिकस्त देकर दूसरी बार ब्लेजर जीतने से रोक दिया था।हर खिलाड़ी की बॉडी अलग होती है। ऐसे में सवाल है कि ब्लेजर को तैयार कैसे किया जाता है। आईसीसी फाइनल से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ियों का माप लेकर ब्लेजर तैयार करवाती है।
🏐🏏फाइनल से कुछ दिन पहले दोनों टीमों के खिलाड़ियों का नाप लेने के लिए दर्जी भेजा जाता है। स्टीवन फिन 2013 में इंग्लैंड की टीम का हिस्सा थे। वे उस टीम में थे जो सफेद ब्लेजर जीतने के बेहद करीब पहुंच गई थी। फिन ने एक शो बताया था, ‘फाइनल से एक दिन पहले एक दर्जी आता है और सफेद सिल्क की ब्लेजर के लिए आपका नाप लेता है।’