कलार समाज स्नेहमिलन, सत्कार सोहळा संपन्न! तुमसरमध्ये भीमसंगीताचा जल्लोष! भीमकन्या कडूबाई खरात यांच्या गाण्यांनी रसिक मंत्रमुग्ध  संकटातील मुलांसाठी जीवनरेखा…1098 चाइल्ड हेल्पलाइन… बोटांनी बोलण्याच्या काळात ओठांनी बोलावे – श्री जयंत चावरे कॉपीमुक्त अभियानामुळे विद्यार्थ्यांचे भवितव्य उज्वल होणार :- प्राचार्य – राहुल डोंगरे परसवाडा येथे काँग्रेसला धक्का – अनेक कार्यकर्त्यांचा भाजपात प्रवेश मौजा परसवाडा येथील कॉग्रेस पक्षातून भाजपा मध्ये पक्ष प्रवेश  कलचुरी एकता सर्ववर्गी संघ नागपुर महाराष्ट्र प्रदेश की ओर से ऐतिहासिक सामूहिक विवाह और परिचय सम्मेलन संपन्न! आज स्व मनोहरभाई पटेल की ११९ वी जयंती दिवस के उपलक्ष पर स्वर्णपदक वित्रक समारोह! आज स्व मनोहरभाई पटेल की ११९ वी जयंती दिवस के उपलक्ष पर स्वर्णपदक वित्रक समारोह!
1710994486762
1739073774320
df
IMG-20231030-WA0012
mamacha
ind
Indian Head Line photo

केंद्र एवं राज्य शासन ओबीसी हितैसी होने से जल्द ही करे ओबीसी की जातनिहाय जनगणना,

1710994486762
TUSHAR PASHINE PRESS I CARD
TUSHAR I CARD PRESS AHILYARAJ

तुमसर/ तुषार कमल पशिने 

जय ओबीसी श्री तिर्थराज ते. उके, संयोजक, सर्व समाज ओबीसी मंच, गोंदिया (मोबाईल नं. – 9689211025)

ओबीसी को अपने प्रवर्ग की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक स्थिती का डेटा और अपनी जनसंख्या जानने का हक्क है जैसा की आप सभी जानते है की, पुरे भारतवर्ष की लोकसंख्या सामान्य प्रवर्ग , ओबीसी प्रवर्ग, अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाती ईन चार प्रकार के प्रवर्ग मे सामाजिक रूप से विभाजित है. ईसमें सबसे अधिक आबादी, जनसंख्या ओबीसी समाज से आती है. देश के स्वातंत्र्यपुर्व काल मे अंतीम बार सन 1931 में ओबीसी की जातनिहाय जनगणना की गयी. यह जनगणना सर्वसमावेशक, व्यापक जातनिहाय जनगणना थी. आज जो हम ओबीसी समाज पुरे देश में 52 टक्के बता पाते है, उसका आधार भी सन 1931 की जनगणना है. सन 1941 में दुसरे विश्वयुद्ध के कारण देश की जातनिहाय जनगणना हो नही पायी. उसी वजह से सन 1931 की जनगणना को ही अंतिम जातनिहाय जनगणना माना जाता है और उसी के आकडे ओबीसी समाज के कल्याण के लिए ग्रहित समझे जाते है. जिस 1 जनवरी 1979 मे गठित मंडल आयोग की शिफारिसें तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय मा.श्री व्हि.पी. सिंग की केंद्र शासन ने 7 आँगष्ट 1990 से लागू कर 52 टक्के ओबीसी समाज को 27 टक्के नोकरी में आरक्षण लागू किया, उसका मुलाधार ही सन 1931 की जातनिहाय जनगणना है. बाद में ओबीसी समाज को शिक्षा क्षेत्र में भी 27 टक्के आरक्षण सन 2006 से लागू किया गया. मुल विषय यह की, देश की स्वतंत्रता के बाद आज तक भारत में सर्वसमावेशक , व्यापक जातनिहाय जनगणना हुँयी ही नही. लंबे समय से पुरे देश का ओबीसी समाज जातनिहाय जनगणना की मांग कर रहा है. आज पुरे देश मे ओबीसी जातीयाँ लगभग 6743 के आसपास है. मंडल आयोग के अनुसार , देश में लगभग 3743 जातीयाँ चिन्हीत है. दिन-ब-दिन ओबीसी प्रवर्ग में केंद्र शासन द्वारा नई-नई जातीयों का समावेश किया जा रहा है. ईस वजह से आज देश में एकुण जनसंख्या का 65 टक्के हिस्सा ओबीसी समाज का अनुमानित है. मात्र ओबीसी प्रवर्ग में आनेवाली किसी भी जातीयों को उनकी वर्तमान लोकसंख्या , उनके जातीं की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक , शैक्षणिक स्थिती की जानकारी मालूम नही, जोकी ओबीसी समाज के हर जातीं के लोगों को यही सभी उनके हक्क, अधिकार की बातें जानने का नैतिक और संवैधानिक हक्क है. मात्र स्वतंत्रता के पश्चात देश मे जातनिहाय जनगणना न होनें से यह माहिती, आकडें, डेटा उपलब्ध नही है. जिस वजह से ओबीसी समाज की वास्तविक सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक स्थिती ज्ञात नही हो पा रही है और यह समाज आज भी पिछडा है. शासन जो ओबीसी समाज को 27 टक्के नोकरी और शिक्षा में आरक्षण दे रही है, उसका लाभ ओबीसी समाज के विकसित जातीयों को ही अधिक होता है. बहुतांश ओबीसी की पिछडी जातीयाँ ईसका लाभ उनकी अशिक्षा और जागरूकता के अभाव के कारण नही ले पाती है. जिस वजह से ओबीसी समाज में भी विकसित ओबीसी और पिछडा ओबीसी ऐसा अलिखित विभाजन निर्माण हुँआ है. विकसित ओबीसी जातीयाँ ही वर्तमान में राजकारण में आगे है. मात्र पिछडी ओबीसी जातीयों को राजकीय प्रतिनिधित्व नगण्य है. ओबीसी समाज और ओबीसी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करनेवाले सामाजिक संगठनों की भुमिका ओबीसी समाज की ही जातनिहाय जनगणना होनी चाहिए, यह मात्र नही है. उनके साथ ही पुरे भारतीय समाज की भी सर्वसमावेशक , व्यापक जातनिहाय जनगणना हो , यह भी है. क्योंकी सांख्यिकीय आकडों , डेटा के आधार पर ही सरकार किसी भी समाज के विकास के लिए निती-नियम, ध्येय-धोरण , विकास योजनांयें तैयार करती है. ओबीसी समाज के भी सर्वांगीण विकास के लिए जातनिहाय सांख्यिकीय आकडें, डेटा अनिवार्य है. जो आज उपलब्ध नही है. ईसिलीए जातनिहाय जनगणना की देश में मांग लंबे समय से देश में उठ रही है. पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है की, वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार ओबीसी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए महत्त्वपुर्ण निर्णय ले रही है. जिस वजह से वर्तमान सरकार ओबीसी समाज हितैसी है , ऐसा देश में माहौल भी है. केंद्र सरकारने सन 2018 में 102 वी घटनादुरुस्ती अधिनियम मंजूर कर सन 1993 में गठित राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग को देश मे पहली बार संवैधानिक आयोग का दर्जा दिया. जोकी लंबे समय से ओबीसी समाज की मांग थी. सभी ज्ञात हो की, राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग ओबीसी समाज की शिकायतें और ओबीसी समाज के सामाजिक और शैक्षणिक विकास की उपाय योजनाओं पर सुनवाई करता है. साथ ही , केंद्र सरकारने सन 2019 में 103 वी घटनादुरूस्ती कर सामान्य प्रवर्ग को आर्थिक आधार पर शिक्षा एवं नोकरीयों में 10 टक्के आरक्षण लागू किया. महत्वपूर्ण बात यह है की, भारतीय राज्यघटना में सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर आरक्षण का उल्लेख है. केंद्र शासन ने सामान्य प्रवर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देणे भारतीय संविधान की कलम 15 और 16 में संशोधन किया. ईसी तरह ओबीसी समाज की भी जातनिहाय जनगणना करने हेतू केंद्र शासन ने संविधान संशोधन करना चाहिए और देश के ओबीसी समाज की माँग पुरी कर ओबीसी समाज के विकास के द्वार खोलना चाहिए, यह पुरे देश के ओबीसी समाज की ओबीसी हितैसी केंद्र सरकार से उम्मीद है. केंद्र सरकार ओबीसी समाज की जातीय जनगणना करने की संविधान में तरतुद नही है, ऐसा हमेशा स्पष्टीकरण देती आ रही है. *जब सामान्य प्रवर्ग के आर्थिक कमजोर लोगों के लिए केंद्र शासन घटनादुरुस्ती कर सकती है तो फिर देश के बहुसंख्यांक सामाजिक और शैक्षणिक पिछडे ओबीसी समाज की जातीय जनगणना करने केंद्र सरकार आगें क्युँ नही आ रही, यह ओबीसी समाज का सरकार से सवाल भी है.महाराष्ट्र सरकार भी ओबीसी सामाजिक संगठनों की लंबे समय की मांगे जैसे- ओबीसी विद्यार्थी वसतीगृह , ओबीसी विद्यार्थीयों के लिए स्वाधारसद्रश्य (आधार) योजना, ओबीसी आर्थिक दुर्बल घटकों के लिए घरकुल योजना आदी विविध मांगो की पूर्तता के लिए सक्रीयता से कार्य कर रही है और ओबीसी समाज को न्याय देने का सतत प्रयास कर रही है, यह भी ओबीसी समाज के लिए आशादायी बात है.

जय ओबीसी श्री तिर्थराज ते. उके, संयोजक, सर्व समाज ओबीसी मंच, गोंदिया (मोबाईल नं. – 9689211025)

Leave a Comment

1710994486762
TUSHAR PASHINE PRESS I CARD
TUSHAR I CARD PRESS AHILYARAJ
loader-image
BHANDARA GONDIA
8:50 am, Feb 12, 2025
temperature icon 22°C
clear sky
Humidity 26 %
Pressure 1017 mb
Wind 7 Km/h
Wind Gust Wind Gust: 9 Km/h
Clouds Clouds: 5%
Visibility Visibility: 10 km
Sunrise Sunrise: 7:00 am
Sunset Sunset: 6:28 pm

Our Visitor

5 3 1 4 6 1
Total Users : 531461
Total views : 553846