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प्रतिनिधी/ तुषार कमल पशिने
गोंदिया के सुप्रसिद्घ सेठ शंकरलाल अग्रवाल परिवार द्वारा 16 से 23 सितम्बर तक, राष्ट्रीय कथा व्यास पूज्य अतुलजी महाराज रामायणी की ओजस्वी वाणी में स्थानीय प्रताप लॉन्स, गोंदिया में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन किया गया है, इसी श्रृंखला में कथा के चौथे दिन पूज्य अतुलजी महाराज रामायणी ने भगवान श्री कृष्ण जन्म के साथ ही जीवन दर्शन पर भी ज्ञान गंगा प्रवाहित कर धर्म एवं नीति मार्ग पर चलने की श्रोताओं को राह दिखाई।
पूज्य अतुलजी महाराज रामायणी ने कहा कि धन की तीन गति है और इन तीन प्रकार की गति से धन आपके पास से निकलने का मार्ग बनाता है, पहला दान, दूसरा भोग, और तीसरा सत्कार.. इन तीन मार्गों में किस तरह से कैसे चलना है, यदि इसका हमने ध्यान नहीं रखा तो धन की प्राप्ति पुण्य की बजाए पार्प कर्म की ओर बढ़ा ले जाती है। पूज्य अतुलजी महाराज रामायणी ने आगे बताया कि माता लक्ष्मी जी की पूजा हम करते हैं, लेकिन मां लक्ष्मी जी की सवारी उल्लु है, और भगवान विष्णु जी की सवारी गरुड़ है। जब माता लक्ष्मी विष्णु जी के साथ होंगी तो गरुड़ पर सवार होंगी, इसलिये माता लक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु जी के साथ की जानी चाहिये, तभी मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बरसेगी, और लाभदायक भी होगी।
पूज्य अतुलजी महाराज रामायणी राजा बलि की कहानी सुनाई, उन्होंने राजा बलि के वैभव और दान की कहानी का वृतांत सुनाया तो वहीं बोलकर दिये जाने वाले दान और संकल्प दान का अर्थ बताया, अतुल जी महाराज ने बताया कि राजा बलि की प्रसिद्घी जानकारी भगवान ने उनकी परीक्षा ली, और तीन वचनों में पुरे राजा बली को भी नाप लिया। इस वृतांत के साथ ही अतुल जी महाराज ने राजा बति की पुत्री के दूसरे जन्म में पूतना बनने की कहानी का वर्णन करते हुए कहा कि जीवन हमेशा प्रेरणा दाई होना चाहिए। मौन, वचन और प्रवचन किस तरह से धर्मधारा की ओर बहा, और इसकी आवश्यकता पर भी उन्होंने धर्म उपदेश दिया।
पूज्य अतुलजी महाराज रामायणी ने आगे कहा कि सोने का महल बनावाना तो द्वारिका बनवाना, लंका मत बनवाना, सोने की द्वारिका भी बनवाना तो समझ लेना इसे भी एक दिन स्वर्ग में समा जाना है। हमें यह ध्यान रखना होगा कि जितना हम खर्च कर सके, हम उतने के ही मालिक हैं, बाकी धन की तो हमें चौकीदारी ही करनी है। भगवान श्री कृष्ण की कृष्ण लीला और भगवान श्री राम जी के चरित्र का मेल भी अतुल जी महाराज ने बताया, उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं पर हमेशा लोगों को भ्रांति है, लेकिन यह देखना होगा कि भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ रास लीला की, लेकिन उनका चरित्र भगवान श्री राम की तरह मर्यादित था। कृष्ण के लीला मार्ग का अनुसरण करें तो भी राम की मर्यादा साथ होनी चाहिये।
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के वाचन के दौरान पूज्य अतुलजी महाराज रामायणी ने भगवान श्री कृष्ण जन्म का वृतांत भी सुनाया। इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के नटखट स्वरुप की झांकी भी तैयार की गई, फूलों की बौछार के साथ कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई गई, और बधाइयों का सिलसिला चलता रहा। नाच गाने के साथ कान्हा को सबने दुलार किया। इस अवसर पर आराधना ग्रुप द्वारा भजन प्रस्तुती की गई। कार्यक्रम का सुंदर संचालन अपूर्व अग्रवाल ने किया।
आज श्रीकृष्ण की माखन चोरी, गोवर्धन लीला एवं छप्पन भोग का पावन प्रसंग..
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के सात दिवसीय आयोजन केे पांचवे दिवस पर आज बुधवार 20 सितम्बर को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लिलायें माखन चोरी, गोवर्धन लीला आदि पर पुज्य श्री अतुलजी महाराज दोपहर 3.00 बजे से 6.00 बजे तक प्रवचन देगें। उपरांत प्रभु को छप्पन भोग अर्पित किया जायेंगा। इस अवसर पर सभी श्रद्घालुओं से उपस्थित रहकर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण लाभ लेने का अनुरोध पुर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल, महेश कुमार अग्रवाल, कृउबास संचालक सुरेश कुमार अग्रवाल एवं राजकुमार अग्रवाल ने किया है।