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नागपुर में दिनांक १९ से २६ दिसंबर तक रेशिमबाग मैदान में हो रहा ध्यान महाशिविर
प्रतिनिधी नागपूर/ आज के प्रतियोगिता के युग में व्यक्ति बचपन से ही तनाव में रहता है। प्रत्येक मनुष्य अलग-अलग कारण से दुःखी रहता है और उस दुःख को दूर करने का उपाय बाहर खोज रहा है जबकि दुःख दूर करने का उपाय बाहर नहीं, अपने भीतर ही है। ऐसे में नागपुर की भूमि में जिनका जन्म हुआ है ऐसे हिमालय के महर्षि श्री शिवकृपानंद स्वामीजी ने समग्र विश्व के लोगों को निःशुल्क ध्यान के साथ जोड़कर आत्मशांति का मार्ग दिखाया है। यह ध्यान का सरल एवं अनुभूतिप्रधान संस्कार है। यह एक पवित्र आत्मा द्वारा एक पवित्र आत्मा पर किया गया संस्कार है जिसे अपनाकर कोई भी मनुष्य सुरक्षा एवं आत्मशांति की अनुभूति पा सकता है।
जिन्होंने समग्र विश्व के लोगों को ध्यान के साथ जोड़ा ऐसे नागपुर के योगी का नागपुर में आगमन होने जा रहा है। महर्षि श्री शिवकृपानंद स्वामीजी के सान्निध्य में नागपुर में हिमालयीन ध्यानयोग महाशिविर का आयोजन दिनांक १९ से २६ दिसंबर तक शाम ५:०० से ८:३० तक रेशिमबाग मैदान, नागपुर में होने जा रहा है। इस शिविर में जाति, वर्ण, भाषा, देश या लिंग के भेद से परे हर कोई व्यक्ति भाग ले सकता है। यह शिविर बिल्कुल निःशुल्क है।
पूज्य श्री शिवकृपानंद स्वामीजी बताते हैं कि आज के आधुनिक वातावरण में, जहाॅं चित्त को भ्रमित करने के कई उपकरण और माध्यम मौजूद हैं, ऐसे में एक सामान्य मनुष्य नियमित ध्यान करके अपनी आध्यात्मिक और सर्वांगीण उन्नति कर सकता है। हिमालयीन ध्यान एक संस्कार है जिसमें किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधियाँ या जटिल तकनिकें शामिल नहीं हैं। यह सरल एवं अनुभूतिप्रधान मार्ग है। नियमित रूप से 30 मिनट ध्यान करने से आपकी दुनिया बदल सकती है। नियमित ध्यान करने से चित्त मजबूत एवं शुद्ध हो सकता है। दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति को हम नहीं बदल सकते लेकिन ध्यान करके खुद को बदल सकते हैं।
यह ८०० साल पुराना ध्यान का संस्कार है, जिसे पूज्य स्वामीजी हिमालय से समाज में लाए हैं। आज विश्वभर के लाखों लोग इस ध्यान के माध्यम से आत्मउन्नति के मार्ग पर चल रहे हैं। ध्यान से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक बदलाव आ सकते हैं। ध्यान करने से सकारात्मक ऊर्जा का आभामण्डल और सुरक्षा कवच प्राप्त हो सकता है। ध्यान के माध्यम से छात्रों और युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ सकता है, रचनात्मक शक्ति का विकास हो सकता है और सफलता मिल सकती है। पूज्य स्वामीजी के साक्षात सान्निध्य में होने वाली यह शिविर अलौकिक साबित हो सकती है। इस आठ दिन की शिविर का ‘गुरुतत्त्व’ नामक यूट्यूब चैनल पर भी सीधा प्रसारण किया जाएगा। जिससे घर बैठकर भी विश्वभर के लोग इस शिविर से जुड़ पाऍंगे। साथ में इस शिविर में देश-विदेश के हजारों लोग इस शिविर में उपस्थित रहेंगे जिसकी तैयारी स्वरूप अभी नागपुर में 1500 से अधिक गुरुतत्त्व के स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं। गुरुतत्त्व की ओर से इस बहु-लाभकारी एवं सरल, सहज ध्यान शिविर में शामिल होने के लिए सभी प्रत्येक मनुष्य को हार्दिक निमंत्रण है। शिविर में आइए और स्वयं अनुभव करें।
हिमालयन मेडिटेशन
प्रचारक: महेश कथिरिया, मनीष पटेल, हर्षा ठुम्मर, पारुल वसोया, नयन हरियाणी, गोपाल परमार, कंचन वासोया, जयाबेन वघासिया, रसीला फासरा, मायाबेन हरियानी, हेतलबेन देसाई, मीनाबेन जोशी, उषा बेनजैस्मिन बाबरिया, चौहान, इंदुबा चौहान, राजेश्रि बेन अल्पाबेन.